Feb 6, 2020

जो है समां जी भर जियो

दोस्तो

कुछ साल पहले एक फ़िल्म आयी थी, कल हो ना हो..उसका टाइटल सांग बहुत ही लोकप्रिय हुआ हर पल यहाँ जी भर जियो..जो है समां कल हो ना हो।ये गाना बहुत ही खूबसूरतऔर सटीक है।
हम सब की जिंदगी में कुछ ना कुछ हमेशा चलता ही रहता है क्योंकि चलने का नाम ही तो ज़िन्दगी है और हम में से बहुत से लोग ज़िंदगी से थोड़े ख़फ़ा रहते है और अक्सर ही अपनी ज़िन्दगी की तुलना दुसरो की चकाचौंध भरी जिंदगी से करते है पर यकीन मानिए जब आप उनकी ज़िंदगी को पास से देखेंगे तो पता चलेगा की उनकी भी कुछ उलझनें है। वो अंग्रेजी में एक कहावत है ना कि grass is greener on the other side ठीक वैसे ही हम सब सोचते है।
लेकिन हमें अपने आज में जीना चाहिए पुर्ण उत्साह के साथ ये बात मुझे तो समझ आ गयी है...हुआ यूं कि -
कुछ दिन पहले मेरे दाँत में दर्द होने लगा ..धिरे-धिरे ये दर्द इतना बढ़ता गया की मुझे उस साइड से कुछ भी खाने,पीने में तकलीफ होने लग गयी हालांकि ये लगभग 2 साल से हो रहा था कि दर्द आता था -जाता था ...पर इस बार जाने का नाम ही नही ले रहा था तो,मैंने डेंटिस्ट से दिखाया तो उन्होंने कहा कि अपकी अक्ल दाँत आधी ऊपर है और आधी नीचे है और इसे पर्याप्त जगह नही मिल पा रहा है आने के लिए इसलिए इसकी छोटी सी सर्जरी करनी होगी । 
सर्जरी नाम से ही मेरी आंसू दो दिन तक नही थामे। फिर मुझे मेरी एक सहेली की बात याद आयी कि चिंता चिता समान है बस एक बिंदी का फर्क है। फिर मेरे हसबैंड ने भी मुझे समझाया कि बार बार दर्द होने से अच्छा है कि एक बार करवा लो फिर निश्चिंत हो जाना इस दर्द से और फिर जल्दी ठीक हो जाएगा और मैं किसी तरह मान गयी सर्जरी करवाने के लिए नही तो मैं उन लोगो में से हुं के थ्रेडिंग के टाइम पे मैं हृतिक रोशन का गाना देखती हूं तकि मुझे दर्द कम हो (वो मेरे फेवरेट एक्टर है )।
उस वक़्त तो दर्द नही हुआ क्योंकि उन्होंने मुँह का वो हिस्सा सुन्न कर दिया था पर, बाद में वो दर्द का अहसास बढ़ने लगा। शुरुआत के 2-3 दिन तो घरवालों से बात भी नहीं कर पायी फोन पे ,बस लिक्विड ही पीती रही। 

और अब एक हफ्ते बाद भी मै ठीक से कुछ भी खा नही पाती हूँ। खुल के हँस नही सकती,ज्यादा बात नही कर पाती।
बाहर जाती हुं तो सबको खाते हुए देख के सोचती हूं कि सब कितने खुशनसीब है कि अपनी पसंद का खा रहे है और मैं जेब मे पैसा होता हुए भी नही खा सकती। 
मतलब मैं पहले भी परेशान थी दर्द से और अब भी परेशान हुँ दर्द से।

इसलिए अब मैने अपने आप को अच्छे से समझा दिया है की एक दर्द जायेगा तो दूसरा दर्द आएगा और दर्द के बाद कि जो खुशी है वो बहुमूल्य है।
इसलिए दोस्तों अब मैं इस दर्द को भी एन्जॉय करने लगी हुं और आप सब से भी यही कह रही हूँ कि जो है समां जी भर जियो...दर्द में भी मुस्कुराइए , दर्द कम हो जायेगा।
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