कविता

जब दिल में हो बहुत कुछ, और तुम कहना चाहो कुछ
तब बताती है कविता !!!

जब कलम का हो कागज से प्यार, और तुमहरा दिल हो किसी के लिए बेकरार
तब बनती है कविता !!!

जब छूना हो एक दूजे के मन को, जब कागज छुए कलम को, जब तुम छुओ उन्स्मन को
तब बनती है कविता !!!

जब दिल गाये और आंसू भी मुस्काए,
तब बनती है कविता !!!

जब दिल में हो कोई शोर, और कोई ना हो तेरी ओर,
तब बनती है कविता !!!

जब जरुरत हो तुम्हे अपनेपन की, जब फुर्सत हो अपने मन की,
तब राह दिखलाती है कविता !!!

जब दिल में छिपा हो कोई चोर, और तुम्हारा दिल भी बन जाये कभी चोर,
तब बनती है कविता !!!

किसी के पहचान, किसी की मुस्कान बनती है कविता !!!
किसी की जान, किसी की अरमान बनती है कविता !!!

शायद कुछ इन्ही लम्हों में बनती है कविता !!!

जब लम्हा बदल जाये खूबसूरत लम्हों में,
तब कविता बदल जाती है खूबसूरत कहानी और किस्सों में,
अनेक सूरत में बनती है कविता !!!
बहुत खूबसूरत है ये कविता !!!

ताकत नही मेरी कलम की, की कविता को मैं कविता में उतारूँ
खुद डूब जाऊँ या खुद को ही उबारुं, इन्ही लम्हों से सजती है कविता,
शायद कुछ ऐसी ही बनती है कविता !!!

जब बचपन गए ताताथैया, और यौवन गाये गीत सुहानी,
सुहाने मौसम में दो अजनबी, बनाये गए अपनी कहानी,
और जब कोई बन जाये दादी और नानी, तब भी याद आती है कविता !!!

मैं ना रहूँ अगर मुझमे कविता ना हो, शायद मेरा अस्तित्व कंचन कविता में हो,
जब प्यार की आह, सुनता नही कोई, जब दिल की बात से डरता है कोई,
जब पास आता है कोई, जब दूर जाता है कोई, मिलन और जुदाई की डोर है कविता !!!
मेरे और मेरे दिल की छोर है कविता !!!

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