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Showing posts from January, 2020

बच्चे मन के सच्चे

मेरी 3 साल की बेटी जब भी खाना खाने बैठती है तो, मोबाइल में johny johny देखने की ज़िद करती है और अक्सर वो अपनी बात मनवा भी लेती है। कल जब मैं उसे खिलाने बैठी तो, मैंने अपना फ़ोन ऑफ करके उसके हाथ मे पकड़ा दिया और मैंने कहा -अब मम्मा कैसे बात करेगी ...मम्मा का फ़ोन तो खराब हो गया । उसने बहुत कोशिश की फोन  चलाने की , पर नही हुआ। और फिर वो मुझे समझने लगी ...मम्मा आप मत रो...मैं आपके लिए कल नया फ़ोन लाऊंगी फिर आप  मुझे johnh johny दिखाना और खा लिया उसने।

शिक्षा एक मूलभूत अधिकार

शिक्षा एक मूलभूत अधिकार है ...जिससे , किसी भी बच्चे को वंचित नही  रहना चाहिए ..क्यूँकि यही वो सीढ़ी है जिस पे चढ़ के इंसान अपनी बहुमुखी व्यक्तित्व का विकास करता है और अपनी सफलता को हासिल करता है ! इसी शिक्षा पे कुछ पंक्तियाँ ... शिक्षा पे है सबका अधिकार ... मत करो इसपे भेद -भाव ..। इसपे तो बेटे और बेटियाँ दोनो का हक़ है ... फिर क्यू कोई शिक्षा से वंचित है ? तोड़ दो वो बेड़ियाँ... जो आती है इसकी रहो में... कर लो पूरी अपनी पढ़ाई ... ना रहोगे किसी की पनाहों में..!

विचारसागर

इंसान घर बदलता है..कपड़े बदलता है..दोस्त बदलता है.. यहाँ तक कि कभी - कभी तो अति हो जाती है अपने रिश्ते भी बदल लेता है। पर अगर वो कुछ नहीं बदलता तो अपने आप को..अपने नजरिये को। जब मंज़िल ना मिले तो .. नजरिया बदल के देख लो.. शायद कुछ ऐसा दिख जाए जो .. पहले ना देखा हो..!!!

पापा कहते हैं...

पापा कहते हैं... फूल कुमारी हो तुम..! पापा कहते हैं.. बेटूवा हो तुम.. पापा कहते हैं.. कंचन हो तुम... तुम्हे तपना है। पापा कहते हैं.. तुम्हे तप के निखरना है। पापा कहते है..  माता-पिता नारियल की तरह होते है.. ऊपर से सख्त ,भीतर से कोमल। पापा कहते है .. माता-पिता किसान की तरह होते है .. जो फसल को मार्गदर्शन देते है। हाँ ये सब मेरे पापा कहते है। पापा के कहने से ही मैं कहती हूँ। पापा के शब्दों में मैं रहती हूँ। पापा कहते हैं.… फूल कुमारी हो तुम...!

आत्मजा

आत्मा से जन्मी  आत्मजा हो तुम। मेरी रूह, मेरी जान , मेरी जिस्म का हिस्सा हो तुम। तुम्हे रुला के मैं रोती हु... तुम्हे हँसा के मैं हस्ती हु। कैसे कहूं कि तुमसे कितना प्यार है? तुझसे ही मेरी जीवन की आधार है। पहली बार मुझे माँ बनाया तुमने। अपनी अधबोली से मुझे हसाया तुमने। माफ कर दोगी मुझे...जब तुम माँ बन जाओगी.. यही सोच के तेरे साथ मैं बुरी बन जाती हूं। सच कहते है लोग..बेटियाँ तो रानियां होती है। माँ के हर दुःख-दर्द की कहानियाँ होती है।